Bihar Land Registry : बिहार में जल्द महंगी हो जाएगी जमीन की रजिस्ट्री, निबंधन कार्यालय को नया ऑर्डर।

Bihar Land Registry : आने वाले समय में बिहार में जमीन रजिस्ट्री महंगी हो सकती है। आप सभी को बता दे की सरकार न्यूनतम मूल्यांकन पंजी (MVR) बढ़नी की तैयारी कर रही है। आप सभी को बता दे की जमीन की श्रेणियां के आधार पर जिलों में ताई एमबीआर बदल जाएगा इसके बाद जमीन रजिस्ट्री महंगी हो जाएगी। 11 साल के बाद ग्रामीण और 8 साल के बाद शहरी इलाकों में बी आर को बढ़ाया जा सकता है। आईए जानते हैं पूरी जानकारी विस्तार से।

Bihar Land Registry : बिहार में जमीन रजिस्ट्री होगी महंगी।

बिहार में जमीन रजिस्ट्री महंगी हो सकती है इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि एमबीआर को एक बार फिर से बढ़ाया जाएगा। और इसको लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है। निबंधन कार्यालय को निर्देश दिए गए हैं। इसके बाद जमीन के रजिस्ट्री महंगी हो जाएगी।

अभी जमीन की श्रेणी के आधार पर जिलों में मिनिमम वैल्यू रजिस्टर तय है। लेकिन अब आने वाले समय में यह सब बदल सकता है ग्रामीण क्षेत्रों में 2013 एवं शहरी क्षेत्र में 2016 में एमआर बढ़ाया गया था। इस तरह ग्रामीण इलाके में 11 जब की शहरी इलाके में 8 साल से इस एमबीआर पर जमीन का रजिस्ट्री हो रही है।

जमीन की श्रेणियां में हो सकता है बदलाव।

आप सभी को बता दे की जमीन की कुल श्रेणी 8 से 15 है। कुछ जिलों में इसकी 57 श्रेणियां मौजूद है। इसी के आधार पर एमबीआर भी तय किया जाता है। जमीन की किस्म में भी एकरूपता लाने की चर्चा किया जा रहा है। तब सभी जिलों में जमीन का वर्गीकरण एक जैसा होगा वहीं इसके पीछे राजस्व बढ़ाने का भी उद्देश्य है। पिछले वर्ष भी इसकी प्रक्रिया शुरू किया गया था हालांकि वह लागू नहीं हो सका है।

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बिचौलियों की बढ़ेगी परेशानियां

जमीन के वर्गीकरण में सामान्य से बिचौलियों की परेशानी बढ़ जाएगी। राजधानी में सड़कों की श्रेणी के हिसाब से जमीन की श्रेणियां निर्धारित किया जाएगा। इसमें व्यवसायिक, आप व्यावसायिक और औद्योगिक तो ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि और बंजारा श्रेणियां रह जाएगा।

इसके बाद उसी के अनुसार जमीन का निबंध होगा और जिलों में मुख्य सड़क, प्रधान सड़क अर्थ शाखा सड़क के हिसाब से सर्किल रेट को तय होता है। कुछ जिलों में सड़कों की चौड़ाई के आधार पर इसका निर्धारण होता है। राज्य सरकार भूमि विवाद काम करने के लिए वर्तमान में सर्व को कर रही है जिसके बाद पटना में 12 सितंबर तक सर्वे के लिए ग्राम सभाएं हुई अब दूसरे चरण में वास्तविक सर्वे भी कराया जाएगा।

इस तरह जिस रैयत के नाम पर जमाबंदी होगी वहीं जमीन की बिक्री को तय कर सकेगा इसकी भी व्यवस्था की गई है हालांकि मामला अभी कोर्ट में रहने के कारण लंबित है उसे पर 24 सितंबर को सुनवाई होगी।

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